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पटना हुआ पानी-पानी, प्रशासन चौतरफा फेल


पटना के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। रविवार को भी लगातार मूसलाधार बारिश होती रही। गली- मोहल्लों में लगा कमर तक पानी अब गले तक पहुंच गया है। लोग घर छोड़ भागने लगे हैं। कार और बाइक पानी में तैर रही हैं। पटनावासी आसमानी आफत से त्राहिमाम कर रहे हैं। पानी निकालने का कोई तरीका सरकार के पास नहीं है। जितनी बारिश होगी शहर की गलियों का जलस्तर उतना बढ़ता जाएगा।

पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से शहर तालाब बन गया है। सड़कें पूरी तरह डूब चुकी हैं। शहर में नाव चल रही हैं। लोगों को बचाने के लिए दूसरे राज्यों से एनडीआरएफ की टीमें बुलाई गई हैं। हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। हर घंटे बढ़ रहे जलस्तर से घबराकर लोग पलायन करने लगे हैं। रविवार को पानी में फंसे कई लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने निकाला। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बार-बार फोन करते रहे, लेकिन बचाव के लिए कोई नहीं आया। ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है कि जनजीवन कब सामान्य होगा।

आपको बता दें अब शासन-प्रशासन के हाथ में कुछ नहीं रहा। जितनी बारिश होगी, हालात उतने ही बेकाबू होते जाएंगे। बारिश बंद होने के बाद नगर निगम पूरी ताकत झोंक दे तो भी गलियों का पानी निकालने में सात से 10 दिन लग जाएंगे। लगातार हो रही बारिश से शक़हर के गली मोहल्लों में जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, केसरी नगर जैसे दर्जनों मोहल्लों में सड़कों पर बह रहा पानी पांच फीट ऊपर पहुंच गया है। लोग घरों में कैद हैं।
चार आवश्यक सूचनाएं
  • अगले दो दिनों के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
  • पटरियों पर पानी लगे होने के कारण 20 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया।
  • एमयू के स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा को आगामी आदेश तक स्थगित किया गया।
  • पीपीयू: बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षा 10 सितंबर तक स्थगित


मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे तक बारिश से राहत नहीं मिलने वाली है। रेड अलर्ट को मौसम विभाग ने 24 घंटे आगे बढ़ा दिया है।

बारिश की किचकिच रसोई घर तक पहुंच गई है। अब घर में रखा राशन भी खत्म होने लगा है। बच्चे दूध और बड़े नवरात्र के पहले दिन फलाहार को लेकर तरस गए। कई मोहल्ले तो पिछले 24 घंटे से अंधेरे में हैं। दो दिनों की बारिश और जलजमाव के कारण रसोई घर में सब्जियों से लेकर अन्य सामान खाली हो गए हैं। कई परिवार तो ऐसे भी हैं, जो रसोई गैस को लेकर परेशान हैं। उन्हें गैस नहीं मिल पा रही है। सामानों को भी ब्लैक में बेचा जा रहा है। दूध से लेकर सब्जी तक के भाव आसमान छूने लगे हैं। इसका असर सीधे तौर पर घर के बजट पर पड़ रहा है।

बच्चों के लिए बारिश आफत बनकर आई है। लोग बच्चों को पर्याप्त दूध भी नहीं दे पा रहे हैं। घरों में कैद बच्चों को संभालना काफी मुश्किल हो गया है। बाहर खेलने-कूदने से लेकर उनकी हर गतिविधियों पर पहरा लग गया है। तीन दिनों से राजधानी के 90 फीसदी मोहल्लों में जलजमाव है। इस समस्या से निजात का भी कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। इस वजह से परेशानी लोगों की और बढ़ रही है।

60-100 रु. लीटर तक बिका दूध

पटना में बाढ़ के हालात में दूध का दाम भी आसमान छू रहा है। लोग घर से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं और जो लोग घर पर दूध लेकर जा रहे हैं वह मनमाना दाम वसूल रहे हैं। कंकड़बाग, पाटलिपुत्रा, राजीवनगर, बोरिंग रोड, आशियाना, राजाबाजार, भागवत नगर, केसरी नगर क्षेत्र में रविवार को दूध 60 से 100 रुपए लीटर तक बिका है। नवरात्र का पहला दिन था और पैकेट के दूध वाली गाड़ियां भी कई क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाईं।

बत्ती गुल है, पानी के लिए भी तरसे

पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने परेशान करके रख दिया है। हालात बदतर हो गए हैं। पूरा कंकड़बाग इलाका डूब गया है। पिछले दो दिनों से लोग घरों में कैद हैं। बत्ती भी गुल है। इसकी वजह से घरों में पानी तक नहीं है। किसी तरह लोग गुजारा कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी में इस तरह का नजारा हास्यास्पद ही है।

अब नहीं संभल रहा रसोई घर

महिलाओं का कहना है कि बारिश के कारण रसोई घर का पूरा हाल बेहाल हो गया है। अब यह संभालने में नहीं आ रहा है। एक तरर्फ ंचता है कि पता नहीं कब मौसम सही होगा और दूसरी तरफ सामानों को लेकर समस्या है। हरी सब्जी तो छोड़िए घर में खाने-पीने के अन्य सामान भी खत्म हो रहे हैं। किसी को अंदाजा नहीं था कि हालात ऐसे हो जाएंगे। शहर में होने के कारण अधिकतर परिवार सामानों को स्टॉक नहीं बनाते। जरूरत के हिसाब से दुकानों से मंगाते हैं। अब तो लगता है कि जल्दी हालात सुधरने वाले भी नहीं है। ऐसे में परेशानी बढ़ रही है। घर के जरूरी सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित तो करनी ही पड़ेगी। यह तब संभव है, जब मौसम ठीक हो।

पानी से सहमी राजधानी

  1. कई इलाकों में घरों की एक मंजिल डूब गई है। एसडीआरएफ की टीम लोगों को रेसक्यू कर रही है।
  2. शहर के बाजार बंद रहे। जिनके घरों में राशन नहीं है वहां लोग भूखे सोने को मजबूर हैं।
  3. सब्जी और फलों की दुकानें भी बंद रहीं। शहर की थोक मंडियों में भी पानी घुस गया है।
  4. कई इलाकों में दूध की आपूर्ति भी नहीं हुई। बच्चों की परेशानी बढ़ी।
  5. स्थानीय यातायात भी बंद हो गए हैं, उन इलाकों में ऑटो और मिनी बसें चल रही हैं जहां जलजमाव नहीं है।
  6. पटरी पर पानी भर जाने के कारण 50 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।



30 ट्रेनें रद्द, 20 का मार्ग बदला गया




राजधानी सहित आसपास के इलाकों में बारिश की वजह से दानापुर, पटना, राजेंद्र नगर टर्मिनल होकर जाने वाली 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। पूर्व मध्य रेल ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया, जबकि 20 ट्रेनों को दूसरे रास्ते से निकाला गया। 14 ट्रेनों को पटना पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया है।

कोलकाता से चलने वाली गाड़ी संख्या 12317 कोलकाता अमृतसर एक्सप्रेस, भागलपुर से चलने वाली गाड़ी संख्या 13401 भागलपुर- दानापुर एक्सप्रेस, हटिया से चलने वाली गाड़ी संख्या 18622 हटिया पटना एक्सप्रेस, टाटा से चलने वाली गाड़ी संख्या 18183 टाटा -दानापुर एक्सप्रेस, पटना से चलने वाली गाड़ी संख्या 13249 पटना -भभुआ रोड एक्सप्रेस, पटना से चलने वाली गाड़ी संख्या 15126 पटना-मंडुआडीह एक्सप्रेस, मंडुआडीह से चलने वाली गाड़ी संख्या 15125 मंडुआडीह-पटना एक्सप्रेस, कोलकाता से चलने वाली गाड़ी संख्या 11105 कोलकाता-झांसी एक्सप्रेस, हावड़ा से खुलने वाली गाड़ी संख्या 13007 हावड़ा -श्री गंगानगर तूफान एक्सप्रेस, दानापुर से चलने वाली गाड़ी संख्या 18184 दानापुर- टाटा एक्सप्रेस, दानापुर से चलने वाली गाड़ी संख्या 13402 दानापुर- भागलपुर एक्सप्रेस,

पटना से चलने वाली गाड़ी संख्या 18621 पटना-हटिया एक्सप्रेस, भभुआ रोड से चलने वाली गाड़ी संख्या 13250 भभुआ रोड- पटना एक्सप्रेस को सुबह में ही रद्द कर दिया गया था। रविवार को भी सुबह से शुरू हुई जोरदार बारिश की वजह से शाम में गाड़ी संख्या 63244/63247/ 63252 पटना -गया -पटना मेमू, 63253/ 63258/ 63259 पटना -गया -पटना मेमू, 63243/ 63248/63251/63256 पटना- गया- पटना मेमू, 83282 पटना- पाटलिपुत्र मेमू, 63326/63327 पटना-इस्लामपुर-पटना मेमू, 53213/53214 पटना-गया मेमू, 53211 पटना -सासाराम पैसेंजर के साथ सोमवार को सासाराम से चलने वाली गाड़ी संख्या 53212 पैसेंजर ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया।

भारी बारिश से अब तक 29 लोगों की मौत, सरकार ने मांगे IAF के दो हेलीकॉप्टर


बिहार में भारी बारिश की वजह से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चार दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से पटना समते आसपास के जिले जलमग्न हो चुके हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि सड़कों पर नाव चल रही है ओर लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है। लोग घरों में फंसे हुए है। बिहार सचिवायल के अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार ने भारतीय वायु सेना से दो हेलीकॉप्टर की मांग की है ताकि बाढ़ में फंसे लोगों को खाने के पैकेट और दवाइयां उपलब्ध कराई जा सके। 


इसके अलावा सरकार ने कोयला मंत्रालय से भी गुजारिश की है कि वो पानी के पंप उपलब्ध कराए जिसके जरिेए निचले इलाकों में भरे पानी को निकाल जा सके। अधिकारियों ने कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कोयला मंत्रालय से इस मुद्दे पर बात की है। मंत्रालय ने सोमवार तक पंप उपलब्ध कराने की बात भी कही है। बिहार में भारी बारिश के बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों की मदद ली जा रही है। टीमें अन्य एजेंसियों के साथ बचाव और निकासी अभियान चला रही हैं। पटना में हालत बहुत बदतर हो गई है। पूरा शहर एक बड़ी झील में तब्दील हो गया है। राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। 

भारी बारिस की वजह से शहर के कई अस्पताल, दुकान, बाजार जलमग्न हो चुके हैं। यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जगह-जगह जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है। इस बीच शहर के कुछ इलाकों में निवासियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें लगी हुई हैं। पटना के खगौल थाना में दानापुर रेलवे स्टेशन के पूर्वी गेट के पास भारी बारिश के बीच सड़क के किनारे एक पेड़ ऑटो रिक्शा पर अचानक गिर गया, जिसके चलते ऑटो रिक्शा पर सवार डेढ़ साल की एक बच्ची और तीन महिलाओं की रविवार को मौत हो गई।

घरों में कैद हुए हजारों लोग, खाद्य सामग्री पर भी होने लगी आफत





शहर में भीषण जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बच्चे, बूढ़े समेत सभी वर्गों के लिए जरूरत की चीजें दूध की किल्लत बढ़ गई है। दूध मोहल्ले की दुकानों से गायब है। शहर के प्रमुख सुधा बूथों पर सिर्फ दूध मिल रहा है। इसके लिए भी मारामारी मची है। जलजमाव वाले इलाकों के बूथों तक दूध नहीं पहुंच पा रहा है। पाटलिपुत्रा कॉलोनी, कंकड़बाग कॉलोनी मोड़, शालीमार स्वीट्स, कदमकुआं, उमा सिनेमा, कदमकुआं, सब्जी मंडी, समेत अन्य मुहल्लों के सुधा बूथ पर दूध मिल रहे थे। दूध लेने के लिए लोगों की लाइन लगी रही। बारिश में भींग कर लोग दूध ले रहे थे। दुकानों से आलू, प्याज, चावल, आटा समेत अन्य सामग्रियां भी गायब होते जा रही है। कई दुकानों में कई तरह की राशन सामग्रियां मिलनी बंद हो गई हैं। जहां मिल रही हैं, वहां के दुकानदारों ने महंगा बेचना शुरू कर दिया है। कदमकुआं के पश्चिमी लोहानीपुर, कंकड़बाग पीसी कॉलोनी, हंटर रोड, बुद्ध मूर्ति के आसपास दुकानों में इस तरह की स्थिति बनी हुई है। दुकानदारों का कहना है कि पानी चारों तरफ भरा हुआ है, वाहन चल नहीं पा रहे हैं। राशन कैसे लाया जाएगा।


कैंडिल जलाने पर मजबूर

शहर में अनवरत बिजली मिलने से सामान्य दिनों में दुकानों में कैंडिल बिकने की परंपरा समाप्त हो गई है। जब अचानक भारी बारिश होने से बिजली गुल हो गई तो लोगों को कैंडिल की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन मोहल्लों के दुकानों में कैंडिल नहीं मिल रहे हैं।

अफसरों से मदद की आस पर निराशा मिल रही

फोन ऑफ हो रहा है। अब ईश्वर के भरोसे जीवन है। अधिकारियों के नंबर लगाकर थक गई। अब सिस्टम से मदद की उम्मीद नहीं है। काजीपुर इलाके में रह रही पटना की छात्रा अनुपमा ने फेसबुक पर कुछ इस तरह के आक्रोश और दर्द को जाहिर किया है। अनुपमा ने खुद के और मोहल्ले के लोगों के इलाके का दर्द बयां करते हुए कहा है कि पिछले 48 घंटे से इलाके में बिजली गुल है। आसपास के स्लम की बस्तियों से 30 से 40 परिवार घर के बेसमेंट में आकर रुके थे। अब बेसमेंट में पानी भर गया। बच्चे इसी गंदे पानी में खेल रहे। अब पीने का पानी खत्म हो रहा है। बिजली न होने से मोबाइल चार्ज नहीं है। फोन खुद से ऑफ न हो जाए, इसलिए फोन ऑफ कर रही हूं ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी आप सबसे संपर्क हो सके। राजेन्द्र नगर में जमा पानी से हालात और भी बुरे हो गए हैं। राशन की दुकानें बंद हो गई हैं और जरूरी सामान भी लोग खरीद नहीं पा रहे। जिन घरों में राशन है, वहां भी पानी भरने की वजह से अब खाना बनाना बंद हो गया है। रविवार को कई इलाकों में रेस्क्यू टीम पहुंची लेकिन जारी हेल्प लाइन नंबरों पर संपर्क न होने से लोग परेशान हैं।

मेडिकल सुविधा लेनी हो तो सौदेकेयर एप से करें संपर्क

डॉक्टर का समय लेना हो। उन्हें घर बुलाना हो। डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जांच करवानी हो। योग के बारे में जानकारी लेनी हो तो पटना में ये तमाम सुविधाएं एप के माध्यम से मिल सकेंगी। मेडिकल सुविधा या सौदेकेयर नाम के एप से आप इन सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं। एप के बारे में सौदेकेयर के निदेशक ईशान वर्मा ने बताया कि दांत के डॉक्टर के साथ आयुर्वेदिक, होमियोपैथी, यूनानी चिकित्सक आदि से संपर्क कर सकते हैं। एप के माध्यम से चिकित्सा से संबंधित 12 तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट, योग शिक्षक, ईसीजी लेने की सुविधा, घर पर ब्लड प्रेशर जांच की सुविधा, पैथोलॉजिकल टेस्ट के लिए कंपाउंडर, एक्स-रे, सिटी एमआरआई के लिए समय बुक करना आदि शामिल हैं।

संजीव शंकर ने बताया कि सुविधा लेने के लिए एप पर निबंधन करना होगा। बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है। सौदेकेयर एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि एप डाउनलोड करना चाहते हैं या स्मार्टफोन नहीं है तो सौदेकेयर के कॉल सेंटर से दूरभाष पर कॉल करके र्बुंकग प्राप्त कर सकते हैं। इस एप में संजीव शंकर, ईशा वर्मा और अभिषेक प्रणव आदि शामिल हैं।

बचाव दल का सच: चिल्लाते रह गए, नहीं आई टीम




जिला प्रशासन की ओर से जलजमाव में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए आपातकालीन नंबर जारी किया गया है। लेकिन यह नंबर काम का नहीं है। जलजमाव में फंसें लोगों को इससे कोई सहायता नहीं मिल पा रही है। नंबर पर फोन करने पर कोई रिसिव नहीं कर रहा, अगर गलती से उठा लिया गया तो मदद की जगह दूसरे का नंबर थमा दिया जा रहा है। परिणामत: कोई सहायता नहीं मिल पा रही है। हालांकि रविवार को एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीम राजेंद्र नगर में रेस्क्यू में जुटी रही।


दोस्त से मिलने आए और फंस गए

राजापुर पुल के रहनेवाले रत्नेश अपने दोस्त से मिलने शुक्रवार को उसके राजेंद्र नगर रोड नंबर-छह स्थित घर गए थे। उसी रात बारिश से शुरू हो गई। वह वहीं रूक गए। अगले दिन शनिवार को बारिश ने बाढ़ सा रूप ले लिया था। सड़क पर कमर से ऊपर तक पानी भर गया। रत्नेश के वहां से निकलने के सारे रास्ते बंद हो गए। शनिवार को प्रशासन द्वारा जारी आपातकालीन नंबर पर कई बार फोन करने पर भी किसी ने फोन नहीं उठाया। रत्नेश बताते हैं कि रविवार को भी फोन किए, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। वे पहले फ्लोर पर थे तो एनडीआरएफ की टीम दिखाई दी। सभी हेल्प-हेल्प चिल्लाते रहे, लेकिन टीम के लोग नाव लेकर नहीं आए। हालांकि आसपास के औरत और बच्चों वहां से हटाया।

दे देते हैं दूसरा नंबर

रैंटल फ्लैट 285 में रहने वाले हाईकोर्ट के वकील अमित उपाध्याय ने कहा कि जिन अधिकारियों का नंबर जारी किया गया है, उनसे अगर बात होती भी है तो वे दूसरे का नंबर देते हैं। उस नंबर पर बात करने पर सुनने को मिलता है मुझे नहीं, किसी और से मदद लें। अगर ऐसा ही है तो प्रशासन ने नंबर क्यों जारी किया?

पीने का पानी नहीं, राशन हुए खराब

राजधानी में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश से पूरा जनजीवन प्रभावित हुआ है। आम क्या खास पहली बार ऐसा हुआ है कि सभी लोग परेशान हैं। जिनका घर ग्राउंड फ्लोर पर हैं उनके घरों में पानी काफी ऊपर तक घुस गया है। ऐसे लोग पलायन कर रहे हैं। कई लोगों के घरों का मोटर जल गया है। पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। वहीं राशन की दुकानों की हालत ऐसी है कि उनके अंदर रखे हुए खाने-पीने के सामान नष्ट हो गए हैं।

कंकड़बाग में थमा जनजीवन

कंकड़बाग में शालीमार होटल से चांगड़, रामलखन पथ, बाइपास तक का इलाका थम सा गया है। कंकड़बाग कालोनी मोड़ से जैसे ही अंदर जाएंगे वैसे-वैसे पानी का स्तर बढ़ता चला जाएगा। पंचशिव मंदिर डेढ़ फुट तक पानी है। पंचशिव मंदिर से टेम्पो स्टैंड तक दो से तीन फुट तक पानी लगा हुआ है। टेम्पो स्टैंड से अशोक नगर एक से 14 नंबर रोड तक ढाई से तीन फुट पानी है। कहीं-कहीं तो नाला व सड़क में अंतर नजर नहीं आता। रामलखन पथ में सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है। इलाके में आवागमन का कोई साधन नहीं हैं। घुटने भर पानी होने से लोग डर से निकलना नहीं चाह रहे हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग की बैठक बुलाकर पूरे राज्य के हालात का जायज़ा लिया. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के दिशा-निर्देश दिए. मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के मुताबिक़ फिलहाल मौसम साफ होने के कोई आसार नहीं हैं. सोमवार और मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी है. अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो संभव है कि यहां सेना को मदद की ज़रूरत पड़े

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