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केंद्रीय सूचना आयुक्त ने कहा, सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन एक 'सूचना' [आर्डर पढ़े]

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Saturday, March 2, 2019




मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने रज़ाक़ के हैदर की अपील पर यह बात कही है जिन्होंने आरटीआई दायर कर केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी (CPIO), चुनाव आयोग (EC) से एलेक्ट्रोनिक वोटिंग (ईवीएम) मशीन माँगा है।

उनके अनुसार, आरटीआई अधिनियम की धारा 2(f) और 2(i) के तहत 'सूचना' और 'रेकर्ड' की परिभाषा में मॉडल या कोई नमूना शामिल है। इसलिए ईवीएम 'सूचना' की श्रेणी में आता है और उन्हें अधिनियम की धारा 6(1) के तहत दिया जाना चाहिए।

इस आवेदन को ख़ारिज करने को सही ठहराते हुए CPIO ने कहा कि मॉडल/नमूना चुनाव आयोग के पास उपलब्ध है और इन्हें वहाँ प्रशिक्षण कार्य के लिए रखा गया है और इन्हें आम नागरिकों को बेचा नहीं जा सकता।

आरटीआई अधिनियम की धारा 2(f) का हवाला देते हुए आयोग ने कहा, "ईवीएम जो कि प्रतिवादी के पास भौतिक रूप में और नमूना के तौर पर उपलब्ध है, जैसा कि प्रतिवादी ने सुनवाई के दौरान स्वीकार किया है, सूचना का अधिकार के तहत एक सूचना है"।

जहाँ तक इस दलील का सवाल है कि ईवीएम में जो सॉफ़्टवेयर है वह किसी तीसरे पक्ष की बौद्धिक संपदा है और इनके बारे में कोई भी ख़ुलासा इस तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को कमज़ोर करेगा, आयोग ने सीपीआईओ को निर्देश दिया कि वह इसका सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत उचित जवाब दे क्योंकि आरटीआई अधिनियम की धारा 6(1) के तहत इसको देने से मना नहीं कर सकते।
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